इनका तखल्लुस 'बनेज़ीर शाह' और वास्तविक नाम सय्यद सदीक अहमद है। इलाहाबाद के एक सूफ़ी खानदान में पैदा हुए। मगर नौजवानी में ही हैदराबाद चले गये और वहीं आखिरी साँस ली। दिल से सूफी और मिज़ाज के शाइर थे। उन्होंने नज़्मे भी बहुत लिखी हैं और उनकी एक मसनवी (लम्बी कविता) बहुत मशहूर है।