दिल्ली के शायर और अदीब
कुल: 77
इब्राहीम ज़ौक़
आख़िरी मुग़ल बादशाह बहादुर शाह ज़फ़र के उस्ताद और राजकवि , मिर्ज़ा ग़ालिब से उनकी प्रतिद्वंदिता प्रसिद्ध है।
मीर हसन देहलवी
प्रमुख मर्सिया-निगार। मसनवी ‘सहर-उल-बयान’ के लिए विख्यात
मोमिन ख़ाँ मोमिन
ग़ालिब और ज़ौक़ के समकालीन। वह हकीम, ज्योतिषी और शतरंज के खिलाड़ी भी थे। कहा जाता है मिर्ज़ा ग़ालीब ने उनके शेर ' तुम मेरे पास होते हो गोया/ जब कोई दूसरा नही होता ' पर अपना पूरा दीवान देने की बात कही थी।
मिर्ज़ा मज़हर जान-ए-जानाँ
मुस्तफ़ा ख़ाँ शेफ़्ता
“गुलशन-ए-बे-खार” का मुसन्निफ़
बर्क़ देहलवी
दिल्ली की काव्य परम्परा के अंतिम दौर के शायरों में शामिल, अपने ड्रामे ‘कृष्ण अवतार’ के लिए प्रसिद्ध
अ’ब्दुल रहमान एहसान देहलवी
मुग़ल बादशाह शाह आ’लम सानी के उस्ताद
अख़्लाक़ अहमद आहन
शोधकर्ता और शायर, अपनी नज़्म "सोचने पे पहरा है" के लिए मशहूर/ प्रोफ़ेसर जेएनयू
अ'ज़ीज़ मियां
बहादुर शाह ज़फ़र
बेदिल मुज़फ़्फ़रनगरी
- जन्म : दिल्ली
- निवास : मुज़फ़्फ़रनगरी
- Shrine : मुज़फ़्फ़रनगरी
चंद्रभान कैफ़ी देहल्वी
क़ौमी, सामाजिक और देश की आज़ादी की भावना से समर्पित नज़्मों के लिए प्रसिद्धके. लम्बे अरसे तक उर्दू-फ़ारसी के उस्ताद रहे
दाग़ देहलवी
उर्दू के सबसे लोकप्रिय शायरों में शामिल। शायरी में चुस्ती , शोख़ी और मुहावरों के इस्तेमाल के लिए प्रसिद्ध
डाॅ. ज़ुहूरुल हसन शारिब
ग़मगीन देहलवी
इक़बाल बानो
ख़्वाजा बंदानवाज गेसूदराज़
सिलसिला-ए-चिश्तिया के अ’ज़ीम रहनुमा और दकन के मुम्ताज़ सूफ़ी
ख़्वाजा हसन निज़ामी
ख़्वाजा हसन सानी
ख़्वाजा ईलाही बख़्श मारूफ़
ख़्वाजा मीर असर
ख़्वाजा मीर दर्द
सूफ़ी शाइ’र, हिन्दुस्तानी मौसीक़ी के गहरे इ’ल्म के लिए मशहूर
ख़्वाजा रुक्नुद्दीन इश्क़
अ’ज़ीमाबाद के मुम्ताज़ सूफ़ी शाइ’र और बारगाह-ए-हज़रत-ए- इ’श्क़ के रूह-ए-रवाँ
मजीदुल्लाह बेख़ुदी
मख़मूर देहलवी
प्रतिष्ठित शायर, अपने शेर " मोहब्बत के लिए कुछ ख़ास दिल मख़सूस होते हैं " के लिए मशहूर
मनज़ूर नियाज़ी
मीनू बख़्शी
मीर मोहम्मद बेदार
ख़्वाजा फ़ख़्रुद्दीन चिश्ती देहलवी के मुरीद और गुम-गश्ता सूफ़ी शाइ’र
मिर्ज़ा फ़रहतुल्लाह बेग
मिर्ज़ा मज़हर जान-ए-जानाँ
दिल्ली के मा’रूफ़ नक़्शबंदी मुजद्ददी बुज़ुर्ग और मुमताज़ सूफ़ी शाइ’र
मिर्ज़ा क़ादिर बख़्श साबिर
मोहम्मद शाह रंगिला
मुंशी रज़ीउद्दीन
नज़ीर अकबराबादी
अग्रणी शायर जिन्होंने भारतीय संस्कृति और त्योहारों पर नज्में लिखीं। होली, दीवाली, श्रीकृष्ण पर नज़्मों के लिए मशहूर