दिल्ली के शायर और अदीब
कुल: 56
अमीर ख़ुसरो
उर्दू / हिंदवी के पहले शायर। मशहूर सूफ़ी हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया के शागिर्द और संगीतज्ञ। तबला और सितार जैसे साज़ों का अविष्कार किया। अपनी ' पहेलियों ' के लिए प्रसिद्ध जो भारतीय लोक साहित्य का हिस्सा हैं। ' ज़े हाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल ' जैसी ग़ज़ल लिखी जो उर्दू / हिंदवी शायरी का पहला नमूना है।
इब्राहीम ज़ौक़
आख़िरी मुग़ल बादशाह बहादुर शाह ज़फ़र के उस्ताद और राजकवि , मिर्ज़ा ग़ालिब से उनकी प्रतिद्वंदिता प्रसिद्ध है।
मोमिन ख़ाँ मोमिन
ग़ालिब और ज़ौक़ के समकालीन। वह हकीम, ज्योतिषी और शतरंज के खिलाड़ी भी थे। कहा जाता है मिर्ज़ा ग़ालीब ने उनके शेर ' तुम मेरे पास होते हो गोया/ जब कोई दूसरा नही होता ' पर अपना पूरा दीवान देने की बात कही थी।
मिर्ज़ा मज़हर जान-ए-जानाँ
मुस्तफ़ा ख़ाँ शेफ़्ता
“गुलशन-ए-बे-खार” का मुसन्निफ़
मुनव्वर लखनवी
रामायण, भगवत गीता, और दूसरे बहुत से मज़हबी व ग़ैर मज़हबी पाठों का छन्दोबद्ध व गयात्मक अनुवाद करने के लिए प्रसिद्ध
अ’ब्दुल रहमान एहसान देहलवी
मुग़ल बादशाह शाह आ’लम सानी के उस्ताद
अमीर ख़ुसरौ
ख़्वाजा निज़ामुद्दीन औलिया के चहेते मुरीद और फ़ारसी-ओ-उर्दू के पसंदीदा सूफ़ी शाइ’र, माहिर-ए-मौसीक़ी, उन्हें तूती-ए-हिंद भी कहा जाता है
आ’क़िल ख़ान राज़ी
अज़ीज़ वारसी देहलवी
औघट शाह वारसी के चहेते मुरीद
बेदिल अज़ीमाबादी
फ़ारसी ज़बान के मशहूर सूफ़ी शाइ’र
चंद्रभान कैफ़ी देहल्वी
क़ौमी, सामाजिक और देश की आज़ादी की भावना से समर्पित नज़्मों के लिए प्रसिद्धके. लम्बे अरसे तक उर्दू-फ़ारसी के उस्ताद रहे
दारा शिकोह
मुग़्लिय्या सल्तनत के बादशाह शाहजहाँ और मलिका मुमताज़ के बड़े साहिबज़ादे जिन्हों ने सूफ़ियाना रिवायत को मज़ीद जिला बख़्शी, उनके तअ’ल्लुक़ात सिखों के गुरुओं से निहायत ख़ुश-गवार थे
दर्शन सिंह
फ़िराक़ गोरखपुरी
हरी चंद अख़्तर
- जन्म : होशियारपुर
- निवास : लाहौर
- Shrine : दिल्ली
इज़हार असर
जहाँ आरा बेगम
मुग़लिया सल्तनत के बादशाह शाहजहाँ की साहिबज़ादी और सूफ़ी ख़ातून, मुसन्निफ़ा शाइ’र
जावेद वशिष्ट
ख़्वाजा बाक़ी बिल्लाह
ख़्वाजा फ़ख़रुद्दीन चिश्ती
ख़्वाजा हसन निज़ामी
ख़्वाजा हसन सानी
ख़्वाजा ईलाही बख़्श मारूफ़
ख़्वाजा मीर असर
ख़्वाजा मीर दर्द
सूफ़ी शाइ’र, हिन्दुस्तानी मौसीक़ी के गहरे इ’ल्म के लिए मशहूर
मेराज अहमद निज़ामी
मिर्ज़ा ग़ालिब
महान शायर/विश्व-साहित्य में उर्दू की आवाज़/सब से अधिक लोकप्रिय सुने और सुनाए जाने वाले अशआर के रचयिता
मिर्ज़ा मज़हर जान-ए-जानाँ
दिल्ली के मा’रूफ़ नक़्शबंदी मुजद्ददी बुज़ुर्ग और मुमताज़ सूफ़ी शाइ’र
मोहम्मद शाह रंगिला
मुस्तफ़ा ज़ैदी
नसीरुद्दीन चराग़ देहली
निसार अहमद फ़ारूक़ी
निज़ामुद्दीन औलिया
हिन्दुस्तान के मुमताज़ सूफ़ी और अमीर ख़ुसरो के पीर-ओ-मुर्शिद
निज़ाम उल मशायख़
क़ुतुबुद्दीन बख़्तियार काकी
ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिशती के मुमताज़ मुरीद-ओ-ख़लीफ़ा और जानशीन
सदिक़ देहलवी
ख़्वाजा हसन जहाँगीरी भेसोड़ी के मुरीद-ओ-ख़लीफ़ा और सिलसिला-ए-अबुल-उ’लाइया जहाँगीरी हुसैनिया के मा’रूफ़ शाइ’र
साग़र निज़ामी
सरमद काशानी
मशहूर रुबाई-गो शाइ’र और शहीद-ए-इ’श्क़ जिन्हें अ’ह्द-ए-औरंगज़ेब में शहीद कर दिया गया था
शाह आलम सानी
मुग़लिया सल्तनत का सोलहवाँ बादशाह
शाह अब्दुल अज़ीज़ देहल्वी
शाह वलीउल्लाह देहलवी
- जन्म : मुज़फ़्फ़रनगरी
- निवास : दिल्ली
- Shrine : दिल्ली
बर्र-ए-सग़ीर के नाम-वर आ’लिम-ए-दीन और मुहद्दिस