लखनऊ के शायर और अदीब
कुल: 30
मुनव्वर लखनवी
रामायण, भगवत गीता, और दूसरे बहुत से मज़हबी व ग़ैर मज़हबी पाठों का छन्दोबद्ध व गयात्मक अनुवाद करने के लिए प्रसिद्ध
आरज़ू लखनवी
मुख़्तलिफ़ ख़ूबियों वाला एक अ’ज़ीम शायर
अमीर मीनाई
दाग़ देहलवी के समकालीन। अपनी ग़ज़ल ' सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता ' के लिए प्रसिद्ध हैं।
हाजी वारिस अ’ली शाह के मुरीद और लखनऊ के शाइ’र-ए- मश्शाक़
असलम लखनवी
बासित बिसवानी
बिस्मिल लखनवी
फ़ज़ली अमेठवी
जलाल लखनवी
कशफ़ी लखनवी
मे’राज लखनवी
मुंशी अमीरुल्लाह तस्लीम
हसरत मोहानी के उस्ताद-ए-मोहतरम
नदीम लखनवी
नजीब लखनवी
फ़िरंगी महल के आ’लिम-ए-दीन और ख़्वाजा अ’ज़ीज़ लखनवी के शागिर्द-ए-अ’ज़ीज़
नातिक़ लखनवी
लखनऊ के मा’रूफ़ अदीब, शाइ’र और मुसन्निफ़
“अफ़्साना आ’शिक़-ए-दिल-गीर उ’र्फ़ शीरीं फ़र्हाद बित्तस्वीर के मुसन्निफ़।
शैदा वारसी
हाजी वारिस अ’ली शाह के जाँ-निसार मुरीद
शम्शाद लखनवी
हज़रत आसी ग़ाज़ीपुरी के तिल्मीज़-ए-रशीद और मदरसा चश्मा-ए-रहमत ग़ाज़ीपुर के सद्र मुदर्रिस