Sufinama
Nizamuddin Auliya's Photo'

निज़ामुद्दीन औलिया

1238 - 1325 | दिल्ली, भारत

हिन्दुस्तान के मुमताज़ सूफ़ी और अमीर ख़ुसरो के पीर-ओ-मुर्शिद

हिन्दुस्तान के मुमताज़ सूफ़ी और अमीर ख़ुसरो के पीर-ओ-मुर्शिद

निज़ामुद्दीन औलिया का परिचय

उपनाम : 'निज़ाम'

मूल नाम : मोहम्मद

जन्म :बदायूँ, उत्तर प्रदेश

निधन : 01 Apr 1325 | दिल्ली, भारत

संबंधी : बाबा फ़रीद (मुर्शिद), अमीर ख़ुसरौ (मुरीद)

आपका अस्ल नाम सय्यद मुहम्मद निज़ामुद्दीन और वालिद का नाम सय्यद अहमद बुख़ारी था। आपके अल्क़ाबात निज़ामुल-औलिया,महबूब-ए-ईलाही, सुल्तानुल मशाइख़, सुल्तानुल-औलिया और ज़री ज़र बख़्श वग़ैरा हैं। आपकी विलादत 636 हिज्री मुवाफ़िक़ 9 अक्तूबर 1237 ई’स्वी में बदायूँ में हुई| आपके जद्द-ए-अमजद सय्यद अ’ली बुख़ारी और नाना ख़्वाजा अ’रब बुख़ारा से हिज्रत करके बदायूँ, भारत पहुंचे। अभी ब-मुश्किल पाँच बरस के ही हूए थे कि वालिद का इंतिक़ाल हो गया लेकिन आपकी नेक-दिल, पाक सीरत और बुलंद हिम्मत वालिदा बी-बी ज़ुलेख़ा ने सूत काट-काट कर अपने यतीम बच्चे की उ’म्दा परवरिश की। आपने क़ुरआन-ए-करीम का एक पारा मुक़र्री बदायूनी से पढ़ा| उसके बा’द मौलाना अ'लाउद्दीन उसूली से मुख़्तसर अलक़ुदूरी पढ़ी। मशारिक़ुल-अनवार की सनद मौलाना कमालुद्दीन से हासिल की। उस के बा’द दिल्ली आकर ख़्वाजा नजीबुद्दीन मुतवक्किल से सोहबत रही। यहीं शम्सुद्दीन ख़्वाज़मी से तहसी ल-ए-इ’ल्म की। आपको बैअ’त-ओ-ख़िलाफ़त हज़रत बाबा फ़रीदुद्दीन मस्ऊद गंज-शकर अजोधनी से था। बाबा फ़रीद के आप मंज़ूर-ए-नज़र थे। आपने 18 रबीउ’स्सानी बुध 725 हिज्री मुताबिक़ 4 मार्च 1324 ई’स्वी को तुलू-ए’-आफ़्ताब के वक़्त विसाल फ़रमाया। मज़ार से मुत्तसिल मस्जिद की दीवार पर तारीख़-ए-वफ़ात कंदा है। आपका आस्ताना बंदगान-ए-ख़ुदा के लिए मरजा-ए’-ख़लाइक़ है।


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