पूरा नाम शेख़़ गुफ़्तार मंझन था। इनके जन्म स्थान और माता के संबंध में निश्चित सूचना नहीं है। इनके गुरु का नाम शेख़ मुहम्मद था। शेख़़ सलीम के समकालीन थे और अपनी कृति मधुमालती में उसका उल्लेख शाह-ए-वक़्त के रूप में किया है। सूफ़ी प्रेमाख्यान काव्यों की परंपरा में मधुमालती चौथी रचना कही जाती है। इसका रचनाकाल सन् 1545 माना जाता है।