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दकनी सूफ़ी काव्य
दीवान-ए-असदुल्ला
ना सोत पिव का है अजब तू समज उस कूँ निरसउलझावे से उस के सुलझ जब कह निरस है क्या सरस
असदुल्ला शाह
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सूफ़ी लेख
अबुलफजल का वध- श्री चंद्रबली पांडे
औबलिफजलि बड़े ही भोर, चले कूँच कै अपनै जोर।।जो हो, हमें असदबेग से अधिक उलझने की