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सूफ़ी लेख
हज़रत शाह बर्कतुल्लाह ‘पेमी’ और उनका पेम प्रकाश
सूफ़ियों के यहाँ इस मसल से उस हदीस की तरफ़ इशारा है जिसमें कहा गया है
सुमन मिश्र
सूफ़ी लेख
तल्क़ीन-ए-मुरीदीन-हज़रत शैख़ शहाबुद्दीन सुहरवर्दी
मुरीद (मजाज़ी तौर पर) वलद होता है और शैख़ ब-मंज़िला-ए-वालिद होता है। इसलिए कि विलादत दो
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
क़ुतुबल अक़ताब दीवान मुहम्मद रशीद उ’स्मानी जौनपूरी
जौनपूर आने के बा’द शैख़ क़ियामुद्दीन बिन क़ुतुबुद्दीन जौनपूरी की जानिब रुजू’ किया और उन्हीं से
हबीबुर्रहमान आज़मी
सूफ़ी लेख
शैख़ फ़रीदुद्दीन अत्तार और शैख़ सनआँ की कहानी
शैख़ फ़रीदुद्दीन अ’त्तार के काल में सूफ़ीवाद का विकास बड़ी तीव्र गति से हुआ। इसका एक
सुमन मिश्र
सूफ़ी लेख
कलाम-ए-‘हाफ़िज़’ और फ़ाल - मौलाना मोहम्मद मियाँ क़मर देहलवी
इस शे’र में जो इशारा था वो न समझ सका।कुछ अ’र्सा बा’द उसको उसका लड़का एक
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
हज़रत शैख़ बुर्हानुद्दीन ग़रीब
वफ़ात से पहले तीन साल तक मुसलसल अ’लील रहे, लेकिन अ’लालत के ज़माने में भी रुश्द-ओ-हिदायत
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
अमीर ख़ुसरो की शाइ’री में सूफ़ियाना आहँग
अमीर ख़ुसरो और हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया के दरमियान जो वालिहाना तअ’ल्लुक़ और रुहानी रिश्ता था उसकी
ज़फ़र अंसारी ज़फ़र
सूफ़ी लेख
शैख़ सलीम चिश्ती
जवाहर-ए-फ़रीदी में लिखा है कि जब हज़रत शैख़ मदीना मुनव्वरा में हाज़िर हुए तो इरादा किया
ख़्वाजा हसन निज़ामी
सूफ़ी लेख
हिन्दुस्तानी मौसीक़ी और अमीर ख़ुसरौ
अमीर ख़ुसरौ को फ़न्न-ए-मौसीक़ी में एक नायक की हैसियत हासिल थी अगरचे नायक के लक़ब के
उमैर हुसामी
सूफ़ी लेख
सय्यिद सालार मस्ऊद ग़ाज़ी
बादशाह (फ़िरोज़ शाह तुग़लक़) ने 776 हिज्री मुताबिक़ 1374 ई’स्वी में बहराइच का सफ़र किया और
जुनैद अहमद नूर
सूफ़ी लेख
हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया-अपने पीर-ओ-मुर्शिद की बारगाह में
जब अजोधन के उस पहले सफ़र से वापसी का वक़्त आया तो हज़रत निज़ामुद्दीन हज़रत शैख़