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सूफ़ी लेख
Krishna as a symbol in Sufism
तुराब के काव्य में कृष्ण के लौकिक तथा पारलौकिक अनेक प्रकार के रंग हैं । वह
बलराम शुक्ल
सूफ़ी लेख
क़व्वाली के इब्तिदाई साज़, राग ताल और ठेके
क़व्वाली के इब्तिदाई साज़ों की तफ़्सील किसी एक मज़मून या किताब से दस्तयाब नहीं होती, अलबत्ता
अकमल हैदराबादी
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क़व्वाली
क़व्वाली एक फ़न है या’नी एक सिंफ़-ए- मौसीक़ी जिसमें चंद ख़ुश-गुलू मुश्तरका तौर पर बा-ज़ाबता राग
अकमल हैदराबादी
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कबीरपंथी और दरियापंथी साहित्य में माया की परिकल्पना - सुरेशचंद्र मिश्र
माया के दो प्रधान-शास्त्र कामिनी एवं कनक है। नारी-प्रसंग एक ऐसा इन्द्रजाल है जो देवताओं तथा
हिंदुस्तानी पत्रिका
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क़व्वाली और मूसीक़ी
क़व्वाली की बुनियाद मूसीक़ी पर नहीं बल्कि शाइ’री पर है या'नी अल्फ़ाज़-ओ-मआ’नी पर लेकिन क़व्वाली चूँकि
अकमल हैदराबादी
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क़व्वाली के अव्वलीन सरपरस्त हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया
सिलसिला-ए-चिश्त की इस सारी तफ़्सील से ये बात खुल कर सामने आ जाती है कि क़व्वाली
अकमल हैदराबादी
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क़व्वाली के मूजिद
सारी दुनिया इस बात पर मुत्तफ़िक़ है कि क़व्वाली हज़रत अमीर ख़ुसरो की ईजाद है,’अह्द-ए-ख़ुसरो से