आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "अज़-राह-ए-लिहाज़"
Kalaam के संबंधित परिणाम "अज़-राह-ए-लिहाज़"
कलाम
तुझ को जब तन्हा कभी पाता तो अज़ राह-ए-लिहाज़हाल-ए-दिल बातों ही बातों में जताना याद है
हसरत मोहानी
कलाम
ईसा अमृतसरी
कलाम
नाज़ाँ शोलापुरी
कलाम
राह फ़क़र दा परे परेरे, ओड़क कोई न दिस्से हून उथ पढ़न पढ़ावण कोई न उथ मसले क़िस्से हू
सुल्तान बाहू
कलाम
राह फ़क़र दा तद लधोसे जद हथ फड़योसे कासा हूतरक दुनिया तौ तद थ्योसे जद फ़क़ीर मिलयोसे ख़ासा हू
सुल्तान बाहू
कलाम
गूढ़ ज़ुल्मात अंधेर ग़ुबाराँ राह ने ख़ौफ़ ख़तर दे हूआब हयात मुनव्वर चश्मे साए ज़ुलफ़ अंबर दे हू
सुल्तान बाहू
कलाम
मज़हबाँ दे दरवाज़े उच्चे राह रब्बाना मोरी हूपंडत ते मुलवाणे कोलों छुप छुप लंघिये चोरी हू
सुल्तान बाहू
कलाम
अज़्म-ए-फ़रियाद! उन्हें ऐ दिल-ए-नाशाद नहींमस्लक-ए-अहल-ए-वफ़ा ज़ब्त है फ़रियाद नहीं