ग़ज़लें
सूफ़ी ग़ज़लों का विशाल संग्रह | सूफ़ीनामा
1876 -1936
मा’रूफ़ ना’त-गो शाइ’र और ''बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना' के लिए मशहूर
1863 -1932
हाजी वारिस अ’ली शाह के मुमताज़ मुरीद और वहीद इलाहाबादी शागिर्द-ए-रशीद