आज का विचार
प्रसिद्ध सूफ़ियों और लोकप्रिय संतों के लोकप्रिय उद्धरण पढ़ें
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Death is a bridge which expands the passage for a lover to reach his beloved (God).
Death is a bridge which expands the passage for a lover to reach his beloved (God).
Every visitor should be served something; if there is nothing to offer, a cup of water may be offered.
Every visitor should be served something; if there is nothing to offer, a cup of water may be offered.
One who serves becomes the master.
One who serves becomes the master.
The wound is the place where the Light enters you
The wound is the place where the Light enters you
God rains misfortune and misery upon the heads of those whom He loves.
God rains misfortune and misery upon the heads of those whom He loves.
All people on the planet are children, except for a very few. No one is grown up except those free of desire.
All people on the planet are children, except for a very few. No one is grown up except those free of desire.
प्रसिद्ध सूफ़ी और संत कवियों की हज़ारों कविताएँ पढ़ें
सूफ़ी साहित्य की शब्दावली से अवगत हों
सूफ़ी और संत कवियों के प्रसिद्ध कलाम पढ़ें
संत वाणी भक्ति आन्दोलन के प्रमुख संतों की वाणियों का प्रतिनिधित्व करती है . संत कवियों ने कई विधाओं में पद लिखे जिनमे दोहा, शब्द आदि तो लोगों के बीच प्रचलित हैं वहीँ कई विधाएं आज भी कम प्रचलित हैं हालाँकि उनमे उल्लेखनीय साहित्य विद्यमान है . इस विभाग में संत काव्य का संकलन निश्चय ही आपकी आत्मा को पोषित करेगा ।
और ढूंढिएसूफ़ी कलाम सूफ़ी भक्ति काव्य को कहते हैं जो अमूमन समाअ' महफ़िलों में गाया जाता रहा है .यह श्रोताओं के लिए गूढ़ अर्थों को सरल शब्दों में व्यक्त करने का एक माध्यम रहा है जिसे सूफ़ी संतों ने बख़ूबी समझा .सूफ़ी कलाम की कई विधाएं यथा, क़व्वाली, काफ़ी, ख़याल, तराना इत्यादि जन मानस में ख़ासी लोकप्रिय रही हैं।
और ढूंढिएक़व्वाली मौसीक़ी की एक किस्म है, जब किसी क़ौल (कथन) को बार-बार दुहराया जाये तो उसे क़व्वाली कहते हैं। क़व्वाली को सिलसिला-ए- चिश्तिया में ख़ास एहमीयत दी जाती है। इस में क़व्वाल किसी कलाम या ग़ज़ल को तरन्नुम के साथ पेश करते हैं जिसको सुनते ही हाज़रीन-ए-महफ़िल कैफ़-ओ-मस्ती का इज़हार करते हैं, रिवायात के मुताबिक़ क़व्वाली की शौहरत हज़रत अमीर ख़ुसरो से हुई। क़दीम रिवायती कलाम ज़्यादा-तर फ़ारसी और उर्दू में मिलता है, ताहम आजकल पंजाबी, सरायकी, पश्तो, सिंधी, बलूची और दीगर ज़बानों में भी क़व्वाली बड़ी प्रसिद्द है।
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सय्यद साहिल आग़ा
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