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Sufinama

ग़ज़लें

सूफ़ी ग़ज़लों का विशाल संग्रह | सूफ़ीनामा

हाजी वारिस अ’ली शाह के मुरीद, मा’रूफ़ मुसन्निफ़ और अकबर इलाहाबादी के क़रीबी दोस्त

1947

ख़ानक़ाह करीमिया, बिथो शरीफ़ के सज्जादा-नशीं और मशहूर शाइ’र

1920

हसरत मोहानी के सोहबत याफ़्ता शाइ’र

1751 -1824

18वीं सदी के बड़े शायरों में शामिल, मीर तक़ी 'मीर' के समकालीन।

1893 -1954

‘’ख़ुद का पर्दा है तो ख़ुद ख़ुद को ज़रा देख तो ले' के लिए मशहूर

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

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