कलाम
सूफ़ियाए किराम के लिखे हुए ज़्यादा-तर अशआर कलाम के ज़ुमरे में ही आता है और उसे महफ़िल समाव के दौरान भी गाया जाता है।
1919 -2011
सबसे लोकप्रिय शायरों में शामिल/प्रमुख फि़ल्म गीतकार/अपनी गज़ल ‘गर्मी-ए-हसरत-ए-नाकाम से जल जाते है’ के लिए प्रसिद्ध