Sufinama

कलाम

सूफ़ियाए किराम के लिखे हुए ज़्यादा-तर अशआर कलाम के ज़ुमरे में ही आता है और उसे महफ़िल समाव के दौरान भी गाया जाता है।

1797 -1857

ख़्वाजा आतिश लखनवी के शागिर्द-ए-रशीद

1797 -1857

ख़्वाजा आतिश लखनवी के शागिर्द-ए-रशीद

1797 -1857

ख़्वाजा आतिश लखनवी के शागिर्द-ए-रशीद

1797 -1857

ख़्वाजा आतिश लखनवी के शागिर्द-ए-रशीद

1855 -1936

ख़ैराबाद के मा’रूफ़ शाइ’र

1855 -1936

ख़ैराबाद के मा’रूफ़ शाइ’र

1855 -1936

ख़ैराबाद के मा’रूफ़ शाइ’र

1855 -1936

ख़ैराबाद के मा’रूफ़ शाइ’र

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