Sufinama

हैदराबाद के शायर और अदीब

कुल: 43

हैदराबाद के मश्हूर अबुल-उ’लाई सूफ़ी

दाग़ देहलवी के समकालीन। अपनी ग़ज़ल ' सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता ' के लिए प्रसिद्ध हैं।

हैदराबाद का रुबाई’-गो सूफ़ी शाइ’र

हाजी वारिस अ’ली शाह के मुमताज़ मुरीद और वहीद इलाहाबादी शागिर्द-ए-रशीद

उर्दू के सबसे लोकप्रिय शायरों में शामिल। शायरी में चुस्ती , शोख़ी और मुहावरों के इस्तेमाल के लिए प्रसिद्ध

‘’ख़ुद का पर्दा है तो ख़ुद ख़ुद को ज़रा देख तो ले' के लिए मशहूर

ठुमरियाँ कहने वाला एक हैदराबादी शाइ’र

हैदराबाद के प्रसिद्ध सूफ़ी कवि

अ’ह्द-ए-औरंज़ेब की एक शाइ’रा

‘’आपको पाता नहीं जब आपको पाता हूँ मैं’’ लिखने वाले शाइ’र

दीवान-ए-मेहर के मुसन्निफ़ और शेफ़्ता कंतोरी के शागिर्द-ए-रशीद

इ’ल्म-ए-अ’रूज़ और तारीख़-गोई में महारत रखने वाला शाइ’र

दकन के अ’ज़ीम शाइ’र

हैदराबाद के फ़ारसी-गो शाइ’र

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