Sufinama

ना'त-ओ-मनक़बत

ना’त हज़रत मुहम्मद (PBUH) की शान में लिखे गए कलाम को कहते हैं। ना’त को हम्द के बा’द पढ़ा जाता है। मनक़बत किसी सूफ़ी बुज़ुर्ग की शान में लिखी गयी शायरी को कहते हैं। हम्द और ना’त के बा’द अक्सर क़व्वाल जिस सूफ़ी बुज़ुर्ग के उर्स पर क़व्वाली पढ़ते हैं उनकी शान में मनक़बत पढ़ी जाती है।

1923 -1993

होम्योपैथिक के माहिर

1923 -1993

होम्योपैथिक के माहिर

1923 -1993

होम्योपैथिक के माहिर

1923 -1993

होम्योपैथिक के माहिर

1944

मख़्सूस तरन्नुम के मालिक

1944

मख़्सूस तरन्नुम के मालिक

1944

मख़्सूस तरन्नुम के मालिक

1944

मख़्सूस तरन्नुम के मालिक

1919 -2013

आप हाफ़िज़ प्यारे के दामाद थे

1919 -2013

आप हाफ़िज़ प्यारे के दामाद थे

1919 -2013

आप हाफ़िज़ प्यारे के दामाद थे

1919 -2013

आप हाफ़िज़ प्यारे के दामाद थे

1966

इस्लामिया इंटर कॉलेज, शाहजहाँबाद के मुदर्रिस और शाग़िल विज्दानी के शागिर्द

1966

इस्लामिया इंटर कॉलेज, शाहजहाँबाद के मुदर्रिस और शाग़िल विज्दानी के शागिर्द

1966

इस्लामिया इंटर कॉलेज, शाहजहाँबाद के मुदर्रिस और शाग़िल विज्दानी के शागिर्द

1966

इस्लामिया इंटर कॉलेज, शाहजहाँबाद के मुदर्रिस और शाग़िल विज्दानी के शागिर्द

1905 -1976

‘’आपको पाता नहीं जब आपको पाता हूँ मैं’’ लिखने वाले शाइ’र

1905 -1976

‘’आपको पाता नहीं जब आपको पाता हूँ मैं’’ लिखने वाले शाइ’र

1905 -1976

‘’आपको पाता नहीं जब आपको पाता हूँ मैं’’ लिखने वाले शाइ’र

1905 -1976

‘’आपको पाता नहीं जब आपको पाता हूँ मैं’’ लिखने वाले शाइ’र

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए