Sufinama

ना'त-ओ-मनक़बत

ना’त हज़रत मुहम्मद (PBUH) की शान में लिखे गए कलाम को कहते हैं। ना’त को हम्द के बा’द पढ़ा जाता है। मनक़बत किसी सूफ़ी बुज़ुर्ग की शान में लिखी गयी शायरी को कहते हैं। हम्द और ना’त के बा’द अक्सर क़व्वाल जिस सूफ़ी बुज़ुर्ग के उर्स पर क़व्वाली पढ़ते हैं उनकी शान में मनक़बत पढ़ी जाती है।

आधुनिक समय के महत्वपूर्ण ना’त-गो शाइ’र

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ख़ानक़ाह बल्ख़िया फ़िरदोसिया, फ़तूहा सज्जादा-नशीं के छोटे भाई और बड़े आ'लिम

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ख़ानक़ाह सिराजिया, बनारस के सज्जादा-नशीं और प्रसिद्ध शोधकर्ता और विद्वान

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Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

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