आ'शिक़ाँ गरचे ब-सद पर्द: निहाँ आमद:अंद
आ'शिक़ाँ गरचे ब-सद पर्द: निहाँ आमद:अंद
बा तू दर मर्तब:-ए-कश्फ़-ओ-अ’याँ आमद:अंद
मुतरिब-ए-इ’श्क़-ए-तू चूँ पर्द:-ए-उ’श्शाक़ नवाख़्त
आ'शिक़ाँ नारः-ज़नाँ जाम:-दराँ आमद:-अंद
मय-परस्ताँ पए आँ जुर्अः' कि बर ख़ाक अफ़्गनद
मस्त दर कू-ए-ख़राबात अज़ आँ आमद:अंद
आ'शिक़ाँ मस्त-ए-जमालश न कि इमरोज़ शुदंद
हम चुनानश कि फ़रिस्तंद चुनाँ आमद:अंद
अ'क्स-ए-ख़ुर्शीद-ए-रुख़श ताफ़्त चु बर अ'र्स:-ए-ख़ाक
अंदरीं दैर-ए-फ़ना अज़ पए आँ आमद:अंद
- पुस्तक : नग़्मात-ए-सिमा (पृष्ठ 101)
- प्रकाशन : नूरुलहसन मौदूदी साबरी (1935)
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