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Sufinama

रूबाईयात

रबाईआत रुबाई की जमा है, ये अरबी का लफ़्ज़ है जिसके मअनी चार के हैं। शायराना मज़मून में रुबाई इस सिन्फ़ का नाम है जिसमें चार मिसरों में एक मुकम्मल मज़मून अदा किया जाता है। रुबाई के 24 ओज़ान हैं, पहले दूसरे और चौथे मिसरे में क़ाफ़िया लाना ज़रूरी है।

1906 -1978

मैगज़ीन फ़ारान के मुदीर-ए-आ’ला और पाकिस्तान की मशहूर इ’ल्मी-ओ-अदबी शख़्सियत

1826 -1905

ना’त कहने वाला एक अ’ज़ीम शाइ’र जिसे हस्सान-ए-वक़्त के लक़ब से याद किया जाता था

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

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