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पद
गरज रहै अंतर राम अलेख
गरज रहै अंतर राम अलेख,गरज रहै अंतर राम अलेख,पांच पचीस तीन गुण भागा, अन्तर रही न रेख।।
महात्मा कल्याणदास जी
पद
अंतर राम बाला, बहिर राम साती ।
अंतर राम बाला, बहिर राम साती ।त्रिकुट भू बन देखुं उलटह ज्योति
ग़ुंडा केशव
साखी
जाके अंतर बासना, बाहर धारे ध्यान।
जाके अंतर बासना, बाहर धारे ध्यान।तिंह को गोविंद ना मिलै, अंत होत है हान।।
बाबा लाल
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पद
इस घट-अंतर बाग-बगीचे इसी में सिरजनहारा
इस घट-अंतर बाग-बगीचे इसी में सिरजनहाराइस घट-अंतर सात समुंदर इसी में नौ लख तारा
कबीर
पद
आर्तगति - ज्यों तुम कारन केसवे अंतर लव लागी
ज्यों तुम कारन केसवे अंतर लव लागीएक अनूपम अनुभवी किमि होइ बिरागी
रैदास
साखी
प्रेम का अंग - 'कबीर' प्याला प्रेम का अंतर लिया लगाय
'कबीर' प्याला प्रेम का अंतर लिया लगायरोम रोम में रमि रहा और अमल बया खाय
कबीर
राग आधारित पद
स्वरांतर - सुर अंतर की तान जो चौबिस कही बखान
सुर अंतर की तान जो चौबिस कही बखानबत्तिस-बत्तिस एक में कूट तान लेहु जान
तानसेन
साखी
पतिब्रता का अंग - नाम न रटा तो क्या हुआ जो अंतर है हेत
नाम न रटा तो क्या हुआ जो अंतर है हेतपतिबरता पति को भजै मुख से नाम न लेत
कबीर
सूफ़ी शब्दावली
सूफ़ी लेख
संत साहित्य - श्री परशुराम चतुर्वेदी
सब घट अंतर रमसि निरंतर,मैं देखन नहिं जाना।।
हिंदुस्तानी पत्रिका
सूफ़ी लेख
बिहारी-सतसई-संबंधी साहित्य (बाबू जगन्नाथदास रत्नाकर, बी. ए., काशी)
बिधिना ऐसी रची आपने करनु सँवारी।। कह पठान सुलतान मेटि उर अंतर दाहा।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
महाकवि सूरदासजी- श्रीयुत पंडित रामचंद्र शुक्ल, काशी।
यहि अंतर मधुकर इक आयो। निज सुभाव अनुसार निकट होइ सुंदर शब्द सुनायो।।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
संत रोहल की बानी- दशरथ राय
ओअहं सोअहं बेकथा, अजपा जाप प्रकास। अंतर धुन लगी आत्मा, निहचै भयो विसास।।