आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "आम"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "आम"
समस्त
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
समस्त
पुस्तकें के संबंधित परिणाम "आम"
अन्य परिणाम "आम"
ना'त-ओ-मनक़बत
क्या फ़ैज़ फ़ैज़-ए-'आम है दाता हुज़ूर काचश्मा उबल रहा है मोहम्मद के नूर का
अमीर बख़्श साबरी
कलाम
अनवर फ़र्रूख़ाबादी
सूफ़ी लेख
खुसरो की हिंदी कविता - बाबू ब्रजरत्नदास, काशी
-आम(38) आवे तो अंधेरी लावे। जावे तो सब सुख लेजावे।।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
खुसरो की हिंदी कविता - बाबू ब्रजरत्नदास, काशी
-आम (38) आवे तो अंधेरी लावे। जावे तो सब सुख लेजावे।।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
पद
जय सरस्वती गनेश महादेव शक्ति सूर्य सब देव
सप्त स्वर तीन आम अकइस मूर्छना बाइस सुर्तउनचास कोट ताल लाग डाट।
गोपाल नायक
सूफ़ी लेख
हिन्दुस्तानी तहज़ीब की तश्कील में अमीर ख़ुसरो का हिस्सा - मुनाज़िर आ’शिक़ हरगानवी
चाश्नी-ओ-आब कमानश ब-बीं।।आम को इंजीर पर तर्जीह देते हैं।
फ़रोग़-ए-उर्दू
दकनी सूफ़ी काव्य
इशारतुल ग़ाफ़िलीन
सुनो ऐ मुरीदा तुमें खासो आमवे परवाई हज़रत की कू दिल तमाम