आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "कर्म"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "कर्म"
अन्य परिणाम "कर्म"
पद
कर्म की शइला पर मधुर चित्र कितने,
कर्म की शइला पर मधुर चित्र कितने,किसी ने बनाये किसी ने मिटाये ।
समंदरदास
पद
साँख्य जोग यह धर्म है, कर्म बीज को जार ।
साँख्य जोग यह धर्म है, कर्म बीज को जार ।जोई था सोई हुआ, देखा सुन्न मँझार ।।
केशवदास
कुंडलिया
खट् कर्म कीजै माँहिला, द्रोह लोभ मद पान।।
खट् कर्म कीजै माँहिला, हत काम क्रोध अभिमानमोह जीत साचा मनां, द्रोह लोभ मद पान।।
स्वामी आत्माराम जी
दोहा
विनय मलिका - कर्म रूप दरियाव से लीजै मोहिं बचाय
कर्म रूप दरियाव से लीजै मोहिं बचायचरन कमल तर राखिये मेहर जहाज चढ़ाय
दया बाई
सोरठा
कर्मग्रन्थि ये जान बहुत कर्म अभिमान लहै
कर्मग्रन्थि ये जान बहुत कर्म अभिमान लहैनिश्चय बंध परमाण सब छूटै तैं छूटि है
स्वामी भगवानदास जी
दोहा
विनय मलिका - कर्म फाँस छूटै नहीं थकित भयो बल मोर
कर्म फाँस छूटै नहीं थकित भयो बल मोरअब की बेर उबारि लो ठाकुर बंदीछोर
दया बाई
सूफ़ी लेख
बिहारी-सतसई-संबंधी साहित्य (बाबू जगन्नाथदास रत्नाकर, बी. ए., काशी)
पंडित अंबिकादत्त-व्यास-वर्णित गद्य संस्कृतटीका का कर्म
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
रैदास और सहजोबाई की बानी में उपलब्ध रूढ़ियाँ- श्री रमेश चन्द्र दुबे- Ank-2, 1956
त्रेताँ विविध जग्य नर करहीं। प्रभुहिं समर्पि कर्म भव तरहीं।।
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
चरणदासी सम्प्रदाय का अज्ञात हिन्दी साहित्य - मुनि कान्तिसागर - Ank-1, 1956
अन्त भाग-राम रंग मन वच कर्म, सुभ चिंतक निस बास।