आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "झीनी"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "झीनी"
शबद
भेद बानी कोई सुनता है गुरु ज्ञानी गगन आवाज़ होती झीनी
भेद बानी कोई सुनता है गुरु ज्ञानी गगन आवाज़ होती झीनीपहले होता नाद बिन्दु से फेर जमाया पानी
कबीर
शबद
गुरु ने मोहे झीनी बस्तु लखाई
गुरु ने मोहे झीनी बस्तु लखाईनाजुक राह बोझ सिर भारा हलके पार लँघाई
घीसा साहेब
सूफ़ी लेख
संतों के लोकगीत- डॉ. त्रिलोकी नारायण दीक्षित, एम.ए., पी-एच.डी.
झीनी झीनी बीनी चदरिया। काहे के ताना काहे कै भरनी, कौन तार से बीनी चदरिया।