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दोहरा
जो बातिन उसि नाम मुहब्बत ज़ाहर हुसन कहावे
जो बातिन उसि नाम मुहब्बत ज़ाहर हुसन कहावेहुसन मुहब्बत महरम तोड़ों क्युं महरम शरमावे
मियां मोहम्मद बख़्श
ना'त-ओ-मनक़बत
सब नाम हैं गुम जिस में वो है नाम ख़ुदा काये काम है वो काम है हर काम ख़ुदा का
ज़हीन शाह ताजी
राग आधारित पद
नाड़ी ज्ञान - इड़ा पिंगला सुषमना तीनौं नाड़ी नाम
इड़ा पिंगला सुषमना तीनौं नाड़ी नामतानसेन संगीत मत जानौं आवैं काम
तानसेन
दकनी सूफ़ी काव्य
उसका नाम मत लेव उसकी रहा मत जाव
उसका नाम मत लेव उसकी रहा मत जावमेरा कहना खातर लाव नहीं तो नाव डुबेगी
गोंडा
राग आधारित पद
टोड़ी, चौताल- मेरैं तौ हरि नाम कौ आधार, जिन रचौ संसार
मेरैं तौ हरि नाम कौ आधार, जिन रचौ संसार,काम-क्रोध-लोभ महा जंजार।
विलास ख़ान
दोहरा
कासदा मन्न नाम ख़ुदा दा वंज मैंडे यार दी ख़िदमत ।
क़ासदा मन्न नाम ख़ुदा दा वंज मैंडे यार दी ख़िदमत ।बे परवाह पुर नाज़ दिलबर है वंज मैंडे दिलदार दी ख़िदमत ।
ख़्वाजा ग़ुलाम फ़रीद
राग आधारित पद
राग भैरव तिताला - नाम लेत दुख टरत मौन दिल ख़्वाजा
नाम लेत दुख टरत मौन दिल ख़्वाजासरस होत सुख परसत ही दरगाह रौशन जंबीर
तानसेन
दोहा
बैराग का अंग - छाँड़ो बिषै बिकार कूँ राम नाम चित लाव
छाँड़ो बिषै बिकार कूँ राम नाम चित लाव'दयाकुँवर' या जगत में ऐसो काल बताव
दया बाई
सूफ़ी उद्धरण
ख़ुदा का नाम लेने के लिए अकेला रहना अच्छा होता है।
ख़ुदा का नाम लेने के लिए अकेला रहना अच्छा होता है।
मख़्दूम जलालुद्दीन बुख़ारी
सलोक
छितीस जुग नाम निरंजन (कलि मद्धें) भंजौ खुदाय।
छितीस जुग नाम निरंजन (कलि मद्धें) भंजौ खुदाय।अनादि रूपी हंमन सृष्टि रची देवै रूपी जग तरू की माय।।
अब्दुल क़ुद्दूस गंगोही
ना'त-ओ-मनक़बत
जो है अंबिया की ज़बान पर वही नाम नाम-ए-रसूल हैयहाँ जिब्रईल भी दंग है कि ये क्या मक़ाम-ए-रसूल है