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पद
अपना अनुभव - सोता मन कस जागे भाई, सो उपाव मैं करूं बखान।।
सोता मन कस जागे भाई, सो उपाव मैं करूं बखान।।तीरथ करे बर्त भी राखे, विधा पढ़के हुए सुजान।।
शिवदयाल सिंह
दोहा
अबि-बकर और उमर पुन उस्मान अ'ली बखान
अबि-बकर और उमर पुन उस्मान अ'ली बखानसत नेति और लाज अती बिद्या बूझ सुजान
बरकतुल्लाह पेमी
राग आधारित पद
स्वरांतर - सुर अंतर की तान जो चौबिस कही बखान
सुर अंतर की तान जो चौबिस कही बखानबत्तिस-बत्तिस एक में कूट तान लेहु जान
तानसेन
दोहा
भेद का अंग - 'दूलन' ये मत गुप्त है प्रगट न करो बखान
'दूलन' ये मत गुप्त है प्रगट न करो बखानऐसे राखु छिपाय मन जस बिधवा औधान
दूलनदास जी
गूजरी सूफ़ी काव्य
हिन्दी पर ना मारो ताना
यह जो है क़ुरआन खुदा का,हिन्दी करें बखान सदा का।
मियाँ मुस्तफा
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छंद त्रिपदी
रस में बिरस जु अंतरधान। गोपिन कें उपजौ अभिमान।
द्वादस कोस रास परमान। ताकौ कैसें होत बखान।आस-पास जमुना झिली।।
भक्त कवि व्यास
सूफ़ी लेख
फ़ारसी लिपि में हिंदी पुस्तकें- श्रीयुत भगवतदयाल वर्मा, एम. ए.
तिन साहन के नाँव की, अब कवि करे बखान।।(सुंदर सिंगार से)
हिंदुस्तानी पत्रिका
सूफ़ी लेख
कवि वृन्द के वंशजों की हिन्दी सेवा- मुनि कान्तिसागर - Ank-3, 1956
तूं मोरी जजमांन सांवरी तू मोरी जजमान ब्रह्मादिक सब तेरेई अनुचर तेरोई करत बखान
भारतीय साहित्य पत्रिका
महाकाव्य
।। रसप्रबोध ।।
सो आहारिज जानिये बुध जन करत बखान।।701।।बहुरो सातुक है सोइ स्वेदादिक ठहिरात।
रसलीन
दकनी सूफ़ी काव्य
खुशनामा
ना उस रूप ना उस देह ना उस थान मकाननिरगुण गुणवन्ता किस मुख करूँ बखान
शाह मीराजी शम्सुल शाख़
सूफ़ी लेख
जायसी का जीवन-वृत्त- श्री चंद्रबली पांडेय एम. ए., काशी
कीन्ह बखानू का संबंधपंडित सुधाकर द्विवेदी का मत है “तहाँ आइ कवि कीन्ह बखानू” से स्पष्ट
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
दोहा
साधु सराहै साधुता जती जोखिता जान
साधु सराहै साधुता जती जोखिता जानरहिमन साँचे सूर को बैरी करै बखान
रहीम
राग आधारित पद
साधारण स्वर - सुर साधारन चार हैं जाति साधारन दोइ
कह्यौ जाति साधारनहि करै राग सम गान'तानसेन' संगीत मत पंडित करै बखान
तानसेन
राग आधारित पद
नाद-भेद - नाहत नाद जो मुक्ति है आहत रंजक जान
नाहत नाद जो मुक्ति है आहत रंजक जानभौ भंजन मीयाँ प्रगट नादहि कह्यौ बखान