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ग़ज़ल
बिछड़ना भी तुम्हारा जीते-जी की मौत है गोयाउसे क्या ख़ाक लुत्फ़-ए-ज़िंदगी जिस से जुदा तुम हो
मुज़्तर ख़ैराबादी
सूफ़ी लेख
हिंदुस्तान की तहज़ीब और सक़ाफ़त में अमीर ख़ुसरो की खिदमात
” अमीर ख़ुसरो फ़ारसी के अव्वल दर्जे के शायर थे और संस्कृत भी बख़ूबी जानते थे।
क़ुर्बान अली
सूफ़ी लेख
बहादुर शाह और फूल वालों की सैर
भला जमुना ऐसी भरपूर चले और दिल्ली वाले चुपके बैठे रहें, ढंडोरा पिट गया कि कल