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मनहर
शुद्ध जो प्रकास बोध प्रापत भयो है जाकौ,
शुद्ध जो प्रकास बोध प्रापत भयो है जाकौ,ग्यांनी जो कहीजै मान ज्ञानी सुखराशि है।
महात्मा मनोहरदास जी
दोहा
मैय्युज़-लील्हो जु हर भयो पाप की मोट
मैय्युज़-लील्हो जु हर भयो पाप की मोटफला-हादीया-लहु होय नहिं करो जतन किन कोट
बरकतुल्लाह पेमी
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कुंडलिया
साई बेटा बाप के, बिगरे भयो अकाज।
साई बेटा बाप के, बिगरे भयो अकाज।हरिनाकस्यप कंस को, गयउ दुहून को राज।।
गिरिधर कविराय
दोहा
तरवर पत्त निपत्त भयो फिर तपयो तत्काल
तरवर पत्त निपत्त भयो फिर तपयो तत्कालजोबन पत्त निपत्त भयो फिर पतयौ न 'जमाल'
जमाल
अरिल्ल
अरिल छंद - रहति भयो घर नारी तत मन थीरा
रहति भयो घर नारी तत मन थीराब्रह्म भयो तब जीव गयो तब पीरा
गुलाल साहब
अरिल्ल
अरिल छंद - ब्रह्म भयो जब पूर सूर सर लावई
ब्रह्म भयो जब पूर सूर सर लावईबाजै अनहद घंट निसान समावई
गुलाल साहब
दोहा
याते जान्यो मन भयो जरि बरि भस्म बनाय
याते जान्यो मन भयो जरि बरि भस्म बनायरहिमन जाहि लगाइये सो रूखो ह्वै जाय
रहीम
दोहा
बिरह रूप घन तम भयो अवधि आस उद्योत
बिरह रूप घन तम भयो अवधि आस उद्योतज्यों रहीम भादों निसा चमकि जात खद्योत
रहीम
पद
जगमो काल अकाल भयो जिसमन भावै समता उदयो
जगमो काल अकाल भयो जिसमन भावै समता उदयोजगसो न्यारो निजनिरधारो भ्रम को नास कियो
अनंत महाराज
दोहा
रहिमन कहत सुपेट सों क्यूँ न भयो तू पीठ
रहिमन कहत सुपेट सों क्यूँ न भयो तू पीठरीते अनरीते करै भरे बिगारत दीठ
रहीम
अरिल्ल
द्वितिय प्रभाव प्रभाव को मन मैं भयो हुलास
द्वितिय प्रभाव प्रभाव को मन मैं भयो हुलासकहत सुनत सुख पाइये निरमल ब्रह्म विलास