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राग आधारित पद
रागिनी गुर्जरी चौताल - हज़रत अ'ली की सुदृष्टि भली मो पर
हज़रत अ'ली की सुदृष्टि भली मो परजो दुख जाय सब तन से भाज
तानसेन
कलाम
मुझे बे-ख़ुदी ये तू ने भली चाशनी चखाईकिसी आरज़ू की दिल में नहीं अब रही समाई
शाह नियाज़ अहमद बरेलवी
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दोहा
बाट भली पर साँकरी, नगर भला पर दूर।
बाट भली पर साँकरी, नगर भला पर दूर।नन्ह भला पर पातला, नारी कर हर चूर।।
शैख़ शरफ़ुद्दीन यहया मनेरी
दोहा
रहिमन सुधि सबते भली लगै जो बारम्बार
रहिमन सुधि सबते भली लगै जो बारम्बारबिछुरे मानुष फिरि मिलें यहै जान अवतार
रहीम
राग आधारित पद
अनोखे छैला अरे तोरी चाल भली
अनोखे छैला अरे तोरी चाल भलीपलकन से मैं डगर बोहर हूँ
मख़्दूम ख़ादिम सफ़ी
दोहा
रहिमन बिषदाहू भली जो थोरे दिन होय
रहिमन बिपदाहू भली जो थोरे दिन होयहित अनहित या जगत में जानि परत सब कोय
रहीम
दोहा
रहिमन रहिला की भली जो परसै चित लाय
रहिमन रहिला की भली जो परसै चित लायपरसत मन मैला करे सो मैदा जरि जाय
रहीम
दोहा
रहिमन लाख भली करो अगुनी अगुन न जाय
रहिमन लाख भली करो अगुनी अगुन न जायराग सुनत पय पिअतहू साँप सहज धरि खाय
रहीम
दोहा
रहिमन रजनी ही भली पिय सों होय मिलाप
रहिमन रजनी ही भली पिय सों होय मिलापखरो दिवस किहि काम को रहिबो आपुहि आप
रहीम
सूफ़ी लेख
सुकवि उजियारे - पंडित मयाशंकर याक्षिक
केलि भली विधि सौं अनुसारे। भाँतिनि भाँतिनि के परिरंभ,
हिंदुस्तानी पत्रिका
राग आधारित पद
राग भैरों- हम बालक तुम माय हमारी।
मैं अजान कछुहू नहि जानूं।।बुरी-भली को ना पहिचानूं।।