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सूफ़ी उद्धरण
जिस प्रकार मिलन और वियोग दोनों ही प्रियतम के वरदान हैं, उसी प्रकार दिन और रात दोनों ही सूर्य के रूप हैं।
वासिफ़ अली वासिफ़
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सूफ़ी लेख
निरंजनी साधु
महाराज श्री विजयसिंह जी के गुरू आत्माराम जी, जिन की भविष्य वाणी नाथों के हाल में