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ना'त-ओ-मनक़बत
मुल्क-ए-जन्नत है अगर शान-ए-वक़ार-ए-फ़ातिमाघर में चक्की पीसना भी है शिआ'र-ए-फ़ातिमा
अस'अद रब्बानी
फ़ारसी कलाम
कुश्त:-ए-ज़ार-ओ-नातवाँ कर्द कि कर्द यार कर्दख़स्त:-ओ-ख़ार-ओ-बे-निशाँ कर्द कि कर्द यार कर्द
ग़ुलाम इमाम शहीद
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बैत
ब-मर्दी के मुल्क-ए-सरासर ज़मीं
ब-मर्दी कि मुल्क-ए-सरासर ज़मींनयरज़द के ख़ूने चकद बर ज़मीं
सादी शीराज़ी
बैत
दराँ तख़्त-ओ-मुल्क अज़ ख़लल ग़म बुवद
दराँ तख़्त-ओ-मुल्क अज़ ख़लल ग़म बुवदकि तदबीर-ए-शाह अज़ शबाँ कम बुवद
सादी शीराज़ी
कलाम
क्या कहें मिल्लत-ओ-दीं कुफ़्र है ईमाँ अपनापेश-ए-बुत-ए-सज्दा है और दैर है ऐवाँ अपना
तसद्दुक़ अ’ली असद
सूफ़ी कहावत
ख़ाक-ए-वतन अज़ मुल्क-ए-सुलैमाँ ख़ुश्तर
वतन की मिट्टी सुलैमान (नबी) की सलतनत से ज़्यादा बेहतर है
वाचिक परंपरा
ग़ज़ल
शहीद-ए-इ’श्क़-ए-मौला-ए-क़तील-ए-हुब्ब-ए-रहमानेजनाब-ए-ख़्वाजः क़ुतुबुद्दीं इमाम-ए-दीन-ओ-ईमाने
वाहिद बख़्श स्याल
फ़ारसी कलाम
दिल-ओ-जिगर नज़र-ओ-दीद: जान-ओ-तन हम: ऊस्तहर आंचे हस्त दरीं ख़िरक़:-ए-कोहन हम: ऊस्त
ग़ुलाम इमाम शहीद
फ़ारसी कलाम
ब-क़ामत ख़ून-ए-आ'लम रेख़्ती पोशीद: पोशीद:क़यामत दामनत रा बोस: ज़द तर्सीद: तर्सीद:
ग़ुलाम इमाम शहीद
फ़ारसी कलाम
बुते दारम सुख़न्दाने परी-वश माह-ए-कनआ'नेजवाने ना मुसल्माने अ'दू-ए-दीन-ओ-ईमाने
ग़ुलाम इमाम शहीद
फ़ारसी कलाम
दिल-ए-ज़ार-ए-मरा दर ख़ाक-ओ-ख़ूँ अंदाख़्ती रफ़्तीमरा दीवान:-ओ-रुस्वा-ए-आलम साख़्ती रफ़्ती