आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "baa-zarf"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "baa-zarf"
ग़ज़ल
साक़िया तू ने मिरे ज़र्फ़ को समझा क्या हैज़हर पी लूँगा तिरे हाथ से सहबा क्या है
फ़ना निज़ामी कानपुरी
अन्य परिणाम "baa-zarf"
सूफ़ी कहावत
हर कुजा तू बा मनी, मन ख़ुशदिलम, वर बूवद दर क़ा'र चाही मंज़िलम।
मुझे खुशी है जहाँ तू मेरे साथ है, चाहे मुझे कुएँ की गहराई में रहना पड़े।