आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "dukh"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "dukh"
दोहरा
जैं दुख प्रेम तिन्हे हत्थि आया
इक दुख तों दुख जान हज़ाराँ देख हासल एस प्यारों'हाशम' शाह दुख ढूँड इ'श्क़ दा इस कामल पास हज़ारों
हाशिम शाह
दोहा
विनय मलिका - चौरासी चरखान को दुःख सहो नहिं जाय
चौरासी चरखान को दुःख सहो नहिं जाय'दयादास' तातें लई सरन तिहारी आय
दया बाई
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "dukh"
साखी
बिरह का अंग - बिरह जलन्ती मैं फिरों मो बिरहिनी को दुक्ख
बिरह जलन्ती मैं फिरों मो बिरहिनी को दुक्खछाँह न बैठों डरपती मत जलि उट्ठै रूक्ख
कबीर
दोहा
यों 'रहीम' सुख दुख सहत बडे लोग सह साँति
यों 'रहीम' सुख दुख सहत बड़े लोग सह साँतिउवत चंद जेहि भाँति सो अथवत ताही भाँति
रहीम
साखी
बिरह का अंग - हँसो तो दुख ना बीसरै रोओं बल घटि जाय
हँसो तो दुख ना बीसरै रोओं बल घटि जायमनहीं माहीं बिसुरना ज्यों घुन काठहिं खाय
कबीर
ग़ज़ल
तुम्हें दुख भरी कहानी में सुनाऊँ क्या ज़बानीमरे अश्क कर रहे हैं मेरे ग़म की तर्जुमानी
नज़र भागलपूरी
दोहा
विनय मलिका - दुख तजि सुख की चाह नहिं नहिं बैकुंठ बेवान
दुख तजि सुख की चाह नहिं नहिं बैकुंठ बेवानचरन कमल चित चहत हौं मोहिं तुम्हारी आन
दया बाई
पद
जोगी के पद - जोगिया से प्रीत कियाँ दुख होई
जोगिया से प्रीत कियाँ दुख होईप्रीत कियाँ सुख ना मोरी सजनी जोगी मिनत न कोई
मीराबाई
दोहा
रहिमन अँसुआ नैन ढरि जिय दुख प्रगट करेइ
रहिमन अँसुआ नैन ढरि जिय दुख प्रगट करेइजाहि निकारो गेह ते कस न भेद कहि देइ
रहीम
सवैया
रूप प्रभाव और कुंज लीला - मैन मनोहर ही दुख ददन है सूख कंदन नंद को नंदा
मैन मनोहर ही दुख ददन है सूख कंदन नंद को नंदाबंक बिलोचन की अबलोकनि है दुख योजन प्रेम को फंदा
रसखान
दोहा
गुरु-गोबिंद को एक बिचारौ दुबिधा दुक्ख निकाल
गुरु-गोबिंद को एक बिचारौ दुबिधा दुक्ख निकालगुरु को 'औघट' और न-जानो गुरु-धन दीन-दयाल
औघट शाह वारसी
सलोक
फ़रीदा सुखाँ कूँ ढूँढेदियां डुख न बारी डेंह
फ़रीदा सुखाँ कूँ ढूँढेदियां डुख न बारी डेंहइक भरि भरि पूर लंघायनि बया पतन आइ खलेन्ह