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सूफ़ी लेख
क़व्वाली में बाज़ाबता राग हैं
समा’अ में महज़ ख़ुश-अल्हानी की इजाज़त है और क़व्वाली राग रागनियों पर मुश्तमिल है, मसलन क़व्वाली
अकमल हैदराबादी
सूफ़ी लेख
क़व्वाली के इब्तिदाई साज़, राग ताल और ठेके
क़व्वाली के इब्तिदाई साज़ों की तफ़्सील किसी एक मज़मून या किताब से दस्तयाब नहीं होती, अलबत्ता
अकमल हैदराबादी
राग आधारित पद
रागिनी मालश्री तिताला - चरन तक आयौ हौं पीर अता तुम्हारे द्वार
तारवे कौं राग-ताल 'तानसेन' सौं आज
तानसेन
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राग आधारित पद
राग भैरव चौताल - सघन बन छायौ द्रुमबेली माधौ भवन
कहै मियाँ 'तानसेन' सुनो साह अकबरप्रथम राग भैरव गायौ
तानसेन
राग आधारित पद
साधारण स्वर - सुर साधारन चार हैं जाति साधारन दोइ
कह्यौ जाति साधारनहि करै राग सम गान'तानसेन' संगीत मत पंडित करै बखान
तानसेन
राग आधारित पद
रागिनी मुल्तानी धनाश्री चौताल - दीजियै जू हमैं ब्रज बसिवौ बाँसुरी न बसै
जेते उन सुर गाये तेते हम भेद लीनेजहाँ राग तहाँ दाग रोम-रोम छीजियै
तानसेन
राग आधारित पद
राग भैरव तिताला - महम्मद नवी हवीब अल्लाह के साह मर्दान
'तानसेन' कौं दीजै राग-रंग तीन ग्राम
तानसेन
राग आधारित पद
राग भैरव चौताल - भोर ही भैरव राग अलाप्यौ हो प्यारे बंसी में आन
भोर ही भैरव राग अलाप्यौ हो प्यारे बंसी में आनषरज-रिषभ-गांधार-मध्यम-पंचम-धैवत-निषाद सप्त सुर गान
तानसेन
राग आधारित पद
राग के 4 अंग - रागांग भाषांग अरु बहुरि क्रिया अंग सो जान
राग-अंग तासौं कहै छाया परै दिखाय'तानसेन' तेहि सुने तैं बढ़त सदाँ चित चाय
तानसेन
राग आधारित पद
अरे मोरे कौन करे षट-राग अब मैं जोगन भई
अरे मोरे कौन करे षट-राग अब मैं जोगन भईबिरहा बिथा की मैं मारी मरत हूँ
मख़्दूम ख़ादिम सफ़ी
राग आधारित पद
राग - जो धुनि सुर अरु बरन सौं कबहू होत विसेष
जो धुनि सुर अरु बरन सौं कबहू होत विसेष'तानसेन' निज चित हरन सोई राग सम सेष
तानसेन
राग आधारित पद
रागिनी भैरवी चौताल - नाद अगाध बहुत गये है साध सुर-नर-मुनि-गंधर्व
उनंचास कूट तान अंश न्यास विकृति धारछै राग छत्तीस रागिनी औडव-षाडव के भेद सुद्ध मुद्रा
तानसेन
पद
ओँकार सबै कोई सिरजै रागस्वरूपी अंग
ओँकार सबै कोई सिरजै रागस्वरूपी अंगनिराकार निर्गुन अविनासी कर वाही को संग