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दोहा
सीत हरत तम हरत नित भुवन भरत नहिं चूक
सीत हरत तम हरत नित भुवन भरत नहिं चूक'रहिमन' तेहि रबि को कहा जो घटि लखै उलूक
रहीम
सूफ़ी लेख
संत साहित्य
कुछ दिनों पूर्व तक संतों का साहित्य प्रायः नीरस बानियों एवं पदों का एक अनुपयोगी संग्रह
परशुराम चतुर्वेदी
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सूफ़ी लेख
कवि वृन्द के वंशजों की हिन्दी सेवा- मुनि कान्तिसागर - Ank-3, 1956
कवित्व की प्रतापपूर्ण प्रतिभा सभी में समान भाव से नहीं पाई जाती। अनुभूति का समुचित वैयक्तिकरण
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
उड़िया में कृष्ण–भक्ति-साहित्य, श्री गोलोक बिहारी धल - Ank-1, 1956
उड़िया प्रमुख आधुनिक भारतीय भाषाओं में से एक है। उड़ीसा तथा उसके सीमान्त प्रदेशों में यह
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
रैदास और सहजोबाई की बानी में उपलब्ध रूढ़ियाँ- श्री रमेश चन्द्र दुबे- Ank-2, 1956
भारत की आध्यात्मिक परम्परा में जिन तत्वों का संग्रंथन वैदिक काल से लेकर भक्ति-काल तक अविच्छिन्न
भारतीय साहित्य पत्रिका
साखी
प्रेम का अंग - प्रेम भाव इक चाहिये भेष अनेक बनाय
प्रेम भाव इक चाहिये भेष अनेक बनायभावे गृह में बास कर भावे बन में जाय
कबीर
पद
अभिलाशा के पद - बसो मेरे नैनन में नंदलाल
बसो मेरे नैनन में नंदलालमोहिनि मूर्ती साँवरि सूरति नैना बने विशाल
मीराबाई
फ़ारसी कलाम
बे-चूँ-ओ-हेच-गूनम 'अनक़ा-ए-क़ाफ़ क़ुद्समबे-शुब्हः-ओ-बे-नमूनम 'अनक़ा-ए-क़ाफ़ क़ुद्सम
शाह नियाज़ अहमद बरेलवी
दोहा
यद्यपि अवनि अनेक हैं कूपवंत सरिताल
यद्यपि अवनि अनेक हैं कूपवंत सरितालरहिमन मानसरोवरहिं मनसा करत मराल