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सूफ़ी लेख
संत साहित्य - श्री परशुराम चतुर्वेदी
सब घट अंतर रमसि निरंतर,मैं देखन नहिं जाना।।
हिंदुस्तानी पत्रिका
सूफ़ी लेख
बिहारी-सतसई-संबंधी साहित्य (बाबू जगन्नाथदास रत्नाकर, बी. ए., काशी)
बिधिना ऐसी रची आपने करनु सँवारी।। कह पठान सुलतान मेटि उर अंतर दाहा।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
महाकवि सूरदासजी- श्रीयुत पंडित रामचंद्र शुक्ल, काशी।
यहि अंतर मधुकर इक आयो। निज सुभाव अनुसार निकट होइ सुंदर शब्द सुनायो।।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
संत रोहल की बानी- दशरथ राय
ओअहं सोअहं बेकथा, अजपा जाप प्रकास। अंतर धुन लगी आत्मा, निहचै भयो विसास।।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
सूर का वात्सल्य-चित्रण, डॉक्टर सोम शेखर सोम
सोवत जानि मौन ह्वै कै रहि करि करि सैन बतावै।इहि अंतर अकुलाइ उठे हरि जसुमति मधुरै गावै।।
सूरदास : विविध संदर्भों में
सूफ़ी लेख
अबुलफजल का वध- श्री चंद्रबली पांडे
हजरति कौ मन मो हित भरयौ, याकै पारैं अंतर परयौ। सत्वर साहि बुलायौ राज, दक्षिन ते मेरे ही काज।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
रैदास और सहजोबाई की बानी में उपलब्ध रूढ़ियाँ- श्री रमेश चन्द्र दुबे- Ank-2, 1956
भारतीय साहित्य पत्रिका
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समाअ और क़व्वाली का सफ़रनामा
तारीख़-ए-फ़रिश्ता में ज़ियाउद्दीन बर्नी ने सुल्तान द्वारा आयोजित समाअ महफ़िलों का ज़िक्र किया है । हज़रत
सुमन मिश्रा
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समाअ और क़व्वाली का सफ़रनामा
तारीख़-ए-फ़रिश्ता में ज़ियाउद्दीन बर्नी ने सुल्तान द्वारा आयोजित समाअ महफ़िलों का ज़िक्र किया है । हज़रत
सुमन मिश्रा
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जायसी का जीवन-वृत्त- श्री चंद्रबली पांडेय एम. ए., काशी
हमारी धारणा है कि पदमावत के उक्त पद्यों पर उचित ध्यान नहीं दिया गया है। ग्रियर्सन
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
पदमावत की लिपि तथा रचना-काल- श्रीचंद्रबली पांडेय, एम. ए., काशी
लोग कहते हैं कि पदमावत के रचना-काल में गहरा मतभेद है। पर हमारी दृष्टि में उसमें
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
सूर के भ्रमर-गीत की दार्शनिक पृष्ठभूमि, डॉक्टर आदर्श सक्सेना
अविनासी बिनसै नहीं, सहज ज्योति परकाश।।प्रिय के संदेश के स्थान पर नीरस ज्ञान! गोपियाँ बिगड़ गई।
सूरदास : विविध संदर्भों में
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अभागा दारा शुकोह - श्री अविनाश कुमार श्रीवास्तव
दारा ने जहाँनारा के साथ औरंगजेब और सादुल्ला खाँ की चालों का राज्य में विरोध किया