आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "क़ज़ा"
सूफ़ी लेख के संबंधित परिणाम "क़ज़ा"
सूफ़ी लेख
शैख़ फ़रीदुद्दीन अत्तार और शैख़ सनआँ की कहानी
हेच काफ़िर दर जहाँ नदेहद रज़ा ।आँचे क़र्द आँ पीर-ए-इसलाम अज़ क़ज़ा ।।
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
शैख़ सा’दी का तख़ल्लुस किस सा’द के नाम पर है ?
क़ज़ा नक़ल कर्द अज़ इराक़म ब-शामख़ुश-आमद दराँ ख़ाक-ए-पाकम मक़ाम
एजाज़ हुसैन ख़ान
सूफ़ी लेख
हिन्दुस्तानी मौसीक़ी और अमीर ख़ुसरौ
4- उश्शाक: सारंग और बसंत और नवा।5- मुआफ़िक़: तोड़ी, मालवी, (क़ज़ा) दूदगाह व हुसैनी।
उमैर हुसामी
सूफ़ी लेख
उर्स के दौरान होने वाले तरही मुशायरे की एक झलक
मुद्दत हुई है जान तो नज़्र-ए-अदा हुईक्यों फिर रही है ढूंढती ‘अहमद’ क़ज़ा मुझे
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
आगरा में ख़ानदान-ए-क़ादरिया के अ’ज़ीम सूफ़ी बुज़ुर्ग
गिरा था सज्दे को पर मुझ को हक़ ने थाम लियाक़ज़ा के नीचे से छूटा नहीं कोई हर्गिज़
फ़ैज़ अली शाह
सूफ़ी लेख
शैख़ हुसामुद्दीन मानिकपूरी
(2)रिसाला-ए-महविया- ये एक मुख़्तसर रिसाला है। जैसा कि इस के नाम से ज़ाहिर है इस में