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सूफ़ी लेख
हज़रत गेसू दराज़ का मस्लक-ए-इ’श्क़-ओ-मोहब्बत - तय्यब अंसारी
मोहब्बत की इस अबदियत को साबित कर के हज़रत गेसू दराज़ दा’वत दे रहे हैं।फ़रमाते हैं-ऐ
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मोहब्बत की इस अबदियत को साबित कर के हज़रत गेसू दराज़ दा’वत दे रहे हैं।फ़रमाते हैं-ऐ