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सूफ़ी लेख
तज़्किरा हज़रत शाह तेग़ अली
कमाल–ए-शरीअ’त का नाम तरीक़त है। सबसे पहले जो गुनाह वुजूद में आया वो हसद है। सब्र–ओ-शुक्र
डॉ. शमीम मुनएमी
सूफ़ी लेख
याद रखना फ़साना हैं ये लोग - डॉक्टर ज़ाकिर हुसैन ख़ाँ
हम आवाज़-ए-जरस की तर्ह से तन्हा भटकते हैं।।एक और चीज़ जिसने ज़फ़र को मक़्बूल-ओ-महबूब बनाया वो
मुनादी
सूफ़ी लेख
तजल्लियात-ए-सज्जादिया
जैसा कि किताबों में आया है कि जब हज़रत शाह अकबर दानापुरी इस ख़ाकदान-ए-गेती पर जल्वा-अफ़रोज़