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सूफ़ी लेख
सतगुरू नानक साहिब
उसने सोचा रौशन आँख के किनारे मुझे क्यूँ खड़ा किया गया।दिल ने बताया अपनी टेढ़ी नोकों
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
सय्यद शाह शैख़ अ’ली साँगड़े सुल्तान-ओ-मुश्किल-आसाँ - मोहम्मद अहमद मुहीउद्दीन सई’द सरवरी
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
ज़िक्र-ए-ख़ैर : हज़रत शहाबुद्दीन पीर-ए-जगजोत
एक ग्वाला जवाँ-साल मर गया था और लोग उसे जलाने की तैयारी कर रहे थे। उसकी