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सूफ़ी लेख
तज़्किरा हज़रत शाह तसद्दुक़ अ’ली असद
किस को जाहिल कहूँ और किस को कहूँ मैं आ’लिमअ’क़्ल-ए-फ़र्ज़ाना है यही तिफ़्ल-ए-दबिस्ताँ है यही
इल्तिफ़ात अमजदी
सूफ़ी लेख
हज़रत शरफ़ुद्दीन अहमद मनेरी रहमतुल्लाह अ’लैह
किसी सालिक को बग़ैर इ’ल्म के इस राह मे क़दम नहीं रखना चाहिए क्यूँकि इ’ल्म के
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
हज़रत मख़दूम अशरफ़ जहाँगीर सिमनानी के जलीलुल-क़द्र ख़ुलफ़ा - सय्यद मौसूफ़ अशरफ़ अशरफ़ी
आप हेरात के अमीर और सुल्तान तैमूर के लशकर के अफ़सर थे।जब हज़रत तुर्किस्तान तशरीफ़ ले
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
ज़िक्र-ए-ख़ैर : ख़्वाजा अमजद हुसैन नक़्शबंदी
हल्क़ा ए मुरीदान काफ़ी वसीअ था। मौजूदा बंगलादेश का मुकम्मल इलाक़ा आपके फैज़ान से बहरावर था।क्या
रय्यान अबुलउलाई
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गीता और तसव्वुफ़ - मुंशी मंज़ूरुल-हक़ कलीम
चौथे बाब में बयालिस मंत्र हैं जिनका ख़ुलासा ये है कि रूह ला-ज़वाल, मुहीत और क़दीम
ज़माना
सूफ़ी लेख
कबीर दास
महात्मा कबीर से हिंदुस्तान का बच्चा-बच्चा वाक़िफ़ है। शायद ही कई ऐसा नज़र आए जो कबीर
ज़माना
सूफ़ी लेख
क़व्वाली के ‘अवामी जल्से
‘इश्क़िया मज़ामीन की शुमूलियत के बा’द ज़ाहिर है कि क़व्वाली ‘आम तफ़्रीहात में शामिल हो गई।
अकमल हैदराबादी
सूफ़ी लेख
ज़िक्र-ए-ख़ैर : हज़रत शाह ग़फ़ूरुर्रहमान हम्द काकवी
वालिद की वफ़ात 5 ज़ीका’दा 1293 हिज्री) से छः माह बा’द 14 साल की उ’म्र में