परिणाम "दानिश-मंद"
Tap the Advanced Search Filter button to refine your searches
आपके पिता का नासब फ़ातिह-ए-मनेर हज़रत इमाम मोहम्मद ताज फ़क़ीह और हज़रत मख़दूम लतीफ़ुद्दीन दानिश-मंद (मुरीद-ओ-ख़लीफ़ा हज़रत शर्फ़ुद्दीन बू-अ’ली क़लंदर)से जा मिलता है।तर्तीब ये है-
“शाइ’री दिखानी मक़्सूद नहीं है। चंद नाला-ए-मौज़ूँ बे-इख़्तियार लब पर आ गए हैं। हज़रत ख़्वाजा हसन निज़ामी ने अज़ राह-ए-करम वा’दा फ़रमाया है कि ये अश्आ’र जनाब महबूब-ए-इलाही के मज़ार-ए-मुक़द्दस पर बुलंद-आवाज़ से पढ़ दिए जाएंगें।अफ़्सुर्दा-दिल––इक़बाल ”
कमालाबाद उ’र्फ़ काको की क़दामत के तो सब क़ाएल हैं।आज से 700 बरस क़ब्ल मुस्लिम आबादी
बिहार की सर-ज़मीन हमेशा से मर्दुम-ख़ेज़ रही है। न जाने कितने इल्म ओ अदब और फ़क़्र
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
Urdu poetry, urdu shayari, shayari in urdu, poetry in urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books