परिणाम "नूरी"
Tap the Advanced Search Filter button to refine your searches
(ख़ातिम-ए-नूरी, सफ़हा 32)आपकी पैदाइश पर हज़रत शाह यहया अज़ीमाबादी (1302 हिज्री)ने क़िता’-ए-तारीख़ कही है-
अथवा हाफ़िज़- वीन् अजब बीन् कि चे नूरी ज़ कुजा मी बीनम(ख) कोई भी व्यक्ति ईश्वर की प्राप्ति की योग्यता से रहित नहीं है–
हज़रत सय्यद शाह अबुल हुसैन अहमद नूरीःआपको ग़ुरबा-ओ-मसाकीन का बे-हद ख़याल रहता था।कितने ग़ुरबा ख़ुद्दाम थे, जिनकी किफ़ालत आप फ़रमाते थे और वो भी अ’जब शान से कि ये किसी को मा’लूम न हो। बहुत से ग़ुरबा की तनख़्वाहें मुक़र्र थीं जो पोशीदगी के साथ उन तक पहुँचती थीं। ग़ुरबा-ओ-मुहताजीन की ख़ुद भी मुआ’वनत फ़रमाते और दूसरे को हुक्म होता कि उनकी मदद करे। (तज़्किरा-ए-नूरी, सफ़हाः170)
उ’ज़्लत-नशीनीः-पाँचवाँ गिरोह नूरिया का है जिसके पेशवा इब्नुल हसन बिन नूरी रहमतुल्लाहि अ’लैह हैं।वो दरवेशों की उ’ज़्लत-गुज़ीनी को एक ना- महमूद फ़े’ल समझते हैं, और सोहबत को ज़रूरी क़रार देते हैं, और अस्हाब-ए-सोहबत के लिए ईसार-ओ-कुल्फ़त बर्दाशत करने को भी ज़रूरी समझते हैं, वर्ना इसके बग़ैर सोहबत हराम है, और अगर सोहबत के रस्मी ईसार, रंज-ओ-कुल्फ़त के साथ मोहब्बत भी शामिल हो, तो ये और ये ज़्यादा औला है।हज़रत हुज्वेरी रहमतुल्लाह अ’लैह ने इस मस्लक को पसंदीदा कहा है।
“शाम की नमाज़ के बा’द सूफ़ियान-ए-आ’ली-मर्तबत की जमाअ’त की ख़ूबियों का ज़िक्र आया तो फ़रमाया कि
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
Urdu poetry, urdu shayari, shayari in urdu, poetry in urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books