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सूफ़ी लेख
गुजरात के सूफ़ी कवियों की हिन्दी-कविता - अम्बाशंकर नागर
यह किश्चरे ईरांमें सुलेमा से कहूगा।।जख्मी किया है तुझे तेरी पलकों की अनीने।
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
पीर नसीरुद्दीन ‘नसीर’
आया है ‘नसीर’ आज तमन्ना यही ले करपलकों से किए जाए सफ़ाई तेरे दर की
रय्यान अबुलउलाई
सूफ़ी लेख
सतगुरू नानक साहिब
उसने सोचा रौशन आँख के किनारे मुझे क्यूँ खड़ा किया गया।दिल ने बताया अपनी टेढ़ी नोकों