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सूफ़ी लेख
रैदास और सहजोबाई की बानी में उपलब्ध रूढ़ियाँ- श्री रमेश चन्द्र दुबे- Ank-2, 1956
कबहुँ न संत करहिं तेहि पाना। सुरसरि मिले सो पावन जैसे।
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
शाह नियाज़ बरैलवी ब-हैसिय्यत-ए-एक शाइ’र - मैकश अकबराबादी
हर-आन में उस का ये नया ढंग न होताइमकान से बाहर है तिरी कुन्ह का पाना
मयकश अकबराबादी
सूफ़ी लेख
कन्नड़ का भक्ति साहित्य- श्री रङ्गनाथ दिवाकर
पर, मानव इतने से ही संतुष्ट नहीं हुआ वह परमात्मा की सीमातीत शक्ति-सामर्थों का वर्णन करके,
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
जिन नैनन में पी बसे दूजा कौन समाय
इस वाकिये का ख्याल जब भी जहन में आता है तो वह उम्र भर लंबा दर्द
सुमन मिश्र
सूफ़ी लेख
हिन्दुस्तानी क़व्वाली के विभिन्न प्रकार
हज़रत बाबा फ़रीद के उ’र्स पर कौड़ियाँ फेंकने की भी एक प्रचलित प्रथा है जो शुरुआ’त
सुमन मिश्र
सूफ़ी लेख
शैख़ सा’दी का तख़ल्लुस किस सा’द के नाम पर है ?
अ’मर से अ’मर बिन लैस मुराद है, जो सफ़ारियों में नामी बादशाह गुज़रा है, इसकी जामे-ए-अ’तीक़
एजाज़ हुसैन ख़ान
सूफ़ी लेख
पदमावत की एक अप्राप्त लोक कथा-सपनावती- श्री अगरचन्द नाहटा
यह उत्तर सुनकर गोर फूलांदे को धीरज बंधा कर आगे चल पड़ा। आगे गोर को मरामण
सम्मेलन पत्रिका
सूफ़ी लेख
अल-ग़ज़ाली की ‘कीमिया ए सआदत’ की पाँचवी क़िस्त
अतः जो पुरुष यममार्ग के कष्टों से मुक्त होना चाहे उसे किसी भी स्थूल पदार्थ में
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
तुलसीदासजी की सुकुमार सूक्तियाँ- राजबहादुर लमगोड़ा
परंतु, जहाँ काव्य की दृष्टि से ये समस्त श्रेणियाँ एक दूसरे से उच्चतर होती हुई हमें
माधुरी पत्रिका
सूफ़ी लेख
सूफ़ी ‘तुराब’ के कान्ह कुँवर (अमृतरस की समीक्षा)
तुराब के कई पद एसे भी हैं जिनमें हिन्दी भक्ति काव्य की निर्गुण ज्ञानाश्रयी धारा के
बलराम शुक्ल
सूफ़ी लेख
समकालीन खाद्य संकट और ख़ानक़ाही रिवायात
ग़िज़ाई मसाएल से नबर्द-आज़मा ज़माना की दुनिया की एक दूसरी तस्वीर भी है जो हमारी तवज्जोह
रहबर मिस्बाही
सूफ़ी लेख
कबीर जीवन-खण्ड- लेखक पं. शिवमंगल पाण्डेय, बी. ए., विशारद
एक दिन कबीर पास के बाज़ार को जा रहते थे कि इतने में आकाशवाणी हुई- “ऐ