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सूफ़ी लेख
संत साहित्य - श्री परशुराम चतुर्वेदी
भला ताहि के होई।।1।।तजै गरूर पूर कहि बाना,
हिंदुस्तानी पत्रिका
सूफ़ी लेख
पदमावत में अर्थ की दृष्टि से विचारणीय कुछ स्थल - डॉ. माता प्रसाद गुप्त
(3) 50.6 जस औधान पूर होइ तासू। दिन दिन हिएँ होइ परगासू।
हिंदुस्तानी पत्रिका
सूफ़ी लेख
कविवर रहीम-संबंधी कतिपय किवदंतियाँ - याज्ञिकत्रय
हरि रहीम ऐसी करी, ज्यों कमान सर पूर।खैचि आपनी ओर को, डारि दियो पुने दूर।।
माधुरी पत्रिका
सूफ़ी लेख
कविवर रहीम-संबंधी कतिपय किंवदंतियाँ- याज्ञिकत्रय
हरि रहीम ऐसी करी, ज्यों कमान सर पूर। खैचि आपनी ओर को, डारि दियो पुने दूर।।