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सूफ़ी लेख
तारीख़-ए-वफ़ात निज़ामी गंजवी
का रास्ता शुद बह बेहतरीन हालदर सल्ख़-ए-रजब सा-ओ-फ़ा-ओ-दाल
क़ाज़ी अहमद अख़्तर जूनागढ़ी
सूफ़ी लेख
बिहारी-सतसई की प्रतापचंद्रिका टीका - पुरोहित श्री हरिनारायण शर्म्मा, बी. ए.
इक भीजै चहलै परैं, बूडे बह हजार। कितौ न औगुन जग करै, वै नै चढती वार।।44।।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
हज़रत सैयद ज़ैनुद्दीन अ’ली चिश्ती
उनका घराना पाकीज़ा है इसलिए दिल को वो पसंद आ गया हैसेख जुनैदी सेवता पाप निरंतर बह जाई
सय्यद रिज़्वानुल्लाह वाहिदी
सूफ़ी लेख
चरणदासी सम्प्रदाय का अज्ञात हिन्दी साहित्य - मुनि कान्तिसागर - Ank-1, 1956
चरणदासी संप्रदाय के निर्गुणोपासक होते हुए छौनाजीने सगुण का बड़ा ही मार्मिक वर्णन किया है। आभूषण
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
बिहार के प्रसिद्ध सूफ़ी शाइर – शाह अकबर दानापुरी
सूफ़ी-सन्त नदी के घाटों की तरह होते हैं जिन से हो कर ईश्वरीय कृपा का पानी
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
अमीर खुसरो- पद्मसिंह शर्मा
कहते हैं कि नादिरशाह ने क्रुद्ध होकर जब दिल्ली में क़त्ल-ए-आम का हुक्म दिया और खु़द
माधुरी पत्रिका
सूफ़ी लेख
हज़रत गेसू दराज़ का मस्लक-ए-इ’श्क़-ओ-मोहब्बत - तय्यब अंसारी
हज़रत सय्यद मोहम्मद अगर गेसू दराज़ कहलाए तो ये मोहब्बत-ए-पीर का नतीजा था। फ़वाइद और ख़ातमा
मुनादी
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संत साहित्य - श्री परशुराम चतुर्वेदी
कहा जाता है कि कबीर के शब की अंतिम क्रिया करने के लिये हिंदुओं की ओर
हिंदुस्तानी पत्रिका
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संत साहित्य
कहा जाता है कि कबीर के शब की अंतिम क्रिया करने के लिये हिंदुओं की ओर
परशुराम चतुर्वेदी
सूफ़ी लेख
हिन्दुस्तानी तहज़ीब की तश्कील में अमीर ख़ुसरो का हिस्सा - मुनाज़िर आ’शिक़ हरगानवी
जब हम हिन्दुस्तान की तहज़ीब का मुतालिआ’ करते हैं तो देखते हैं कि तरह तरह के
फ़रोग़-ए-उर्दू
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क़ुतुबल अक़ताब दीवान मुहम्मद रशीद उ’स्मानी जौनपूरी
नाम-ओ-नसब और आबाई वतन: मुहम्मद रशीद नाम, शम्सुलहक़, फ़य्याज़ और दीवान लक़ब है, अबुल बरकात कुनिय्यत
हबीबुर्रहमान आज़मी
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ख़्वाजा मीर दर्द और उनका जीवन
दिल्ली शहर को बाईस ख्व़ाजा की चौखट भी कहा जाता है। इस शहर ने हिन्दुस्तानी तसव्वुफ़