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सूफ़ी लेख
सन्तों की प्रेम-साधना- डा. त्रिलोकी नारायण दीक्षित, एम. ए., एल-एल. बी., पीएच. डी.
न संक भूत प्रेत की, न देव जच्छते डरै।। सुनै न कान और की, द्रसै न और इच्छना।
सम्मेलन पत्रिका
सूफ़ी लेख
जायसी का जीवन-वृत्त- श्री चंद्रबली पांडेय एम. ए., काशी
दरब गरब सब देइ विथारी। गनि साथी सब लेई सँभारी।। पाँच भूत मॉड़ी गनि मलई। ओहि सौं मोर न एकौ चलई।।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
समर्थ गुरु रामदास- लक्ष्मीधर वाजपेयी
“अरी माता, जो भूत बैकुंठ में था। फिर वहाँ से उतरकर अयोध्या के महलों में संचार
माधुरी पत्रिका
सूफ़ी लेख
जाहरपीरः गुरु गुग्गा, डा. सत्येन्द्र - Ank-2,1956
दूसरे प्रकार में खोरवाला सिर आता है। किसी को खोर हो जाने पर उस खोर करने
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
अल-ग़ज़ाली की ‘कीमिया ए सआदत’ की दूसरी क़िस्त
जब तू भली प्रकार इन सब बातों को पहचान लेगा तो तेरी इनमें श्रद्धा भी होगी,
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
मिस्टिक लिपिस्टिक और मीरा
इतना पूर्णांग व्यक्तित्व संसार के किसी गीतिकाव्य में नहीं है। एक उलटी खोपड़ी के अंगरेज़ ने