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सूफ़ी लेख
अबू मुग़ीस हुसैन इब्न-ए-मन्सूर हल्लाज - मैकश अकबराबादी
जब कोई चीज़तुझसे मस होती है तो मुझसे भी मस होती है
मयकश अकबराबादी
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संत साहित्य - श्री परशुराम चतुर्वेदी
(मारवाड़ वाले)- दरिया बगुला ऊजला, उज्वल ही ह्वै हंस।वे सरवर मोती चुंगै, वाके मुख में मस।।
हिंदुस्तानी पत्रिका
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संत साहित्य
(मारवाड़ वाले)- दरिया बगुला ऊजला, उज्वल ही ह्वै हंस। वे सरवर मोती चुंगै, वाके मुख में मस।।