परिणाम "माशा-अल्लाह"
Tap the Advanced Search Filter button to refine your searches
“हज़रत शाह अकबर साहिब दानापुरी के फ़र्ज़न्द-ए-हज़रत शाह मोहम्मद मोहसिन साहिब अबुल-उ’लाई हैं। माशा-अल्लाह ये बुज़ुर्ग भी बड़े हैं। दिन-रात याद-ए-इलाही में मशग़ूल रहा करते हैं और साहिब-ए-नेक-बख़्त-ओ-साहिब-ए-अख़्लाक़ हैं। नूर-ए-इलाही आपके चेहरे से जल्वा-गर है ।अक्सर लोग मुरीद हुआ करते हैं और फ़ैज़ से आपके मा’मूर रहे हैं।ये फ़ुक्राई ख़ानदान है। कैसे-कैसे बुज़ुर्गान दानापुर में लेटे हुए हैं।”(गंज-ए-इ’रफ़ान, सफ़हा 159)
ज़ैल में दो आ’लिमाना ख़त तहरीर किए जाते हैं जो जनाब मौलाना मीर अनसर अ’ली चिश्ती
“अज़ीज़ ए बा तमीज़ सईद ए कौनैन ख़्वाजा शाह अमजद हुसैन उर्फ़ अमीर मियाँ सल्लमहुल्लाहु तआला”
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
Urdu poetry, urdu shayari, shayari in urdu, poetry in urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books